Reported by lokpal report
15 Jan 2019
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नई दिल्ली: मंगलवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि अनुभवी पत्रकार राजेंद्र प्रभु, जो मीडिया ट्रेड यूनियन आंदोलन में सबसे आगे थे, का निधन एक बीमारी के बाद हो गया है.
वह 85 साल के थे. प्रभु का सोमवार रात को ग्रेटर नोएडा के शारदा मेडिकल कॉलेज में निधन हो गया था.
दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (डीजेए) द्वारा जारी बयान में कहा गया है लगभग एक महीने पहले कार्डियक सर्जरी हुई थी और तब से वह ठीक नहीं चल रहे थे.
अब उनके परिवार में उनकी पत्नी और पांच बच्चों - तीन बेटों और दो बेटियां हैं.
प्रभु अपने कॉलेज के दिनों से ही ट्रेड यूनियन गतिविधियों में सक्रिय थे. उन्होंने 1972 में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) के गठन में अहम भूमिका निभाई और यूनियन में तीन पीढ़ियों के नेताओं का नेतृत्व किया.
बयान में बताया गया है कि पत्रकारों के लिए नवीनतम मजीठिया वेज बोर्ड के लिए पहले वेतन बोर्ड के अधिकार से, उन्होंने पत्रकारों को उचित वेतन और लाभ सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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